डायबिटीज के मरीजों की आंखें क्यों होने लगती हैं खराब? समय रहते जानें कारण और रोकथाम के तरीके

डायबिटीज या हाई ब्लड शुगर की समस्या दुनियाभर में तेजी से बढ़ती जा रही है। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी इसका शिकार हो रहे हैं। अध्ययनकर्ता कहते हैं, लाइफस्टाइल और आहार में गड़बड़ी के कारण डायबिटीज के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। इसके अलावा जिन लोगों के परिवार में पहले से किसी को ये दिक्कत रही है, उन्हें भी खतरा अधिक हो सकता है।
डायबिटीज सिर्फ ब्लड शुगर बढ़े रहने की बीमारी नहीं है, इसका शरीर पर कई अन्य तरह से भी असर हो सकता है। जिन लोगों को शुगर लेवल अक्सर हाई रहता है, उनमें समय के साथ नसों, पाचन, हार्ट और आंखों से कम दिखने की दिक्कत होने लगती है।
डायबिटीज की समस्या आपकी आंखों को कैसे प्रभावित करती है, इससे कारण अंधेपन का खतरा कैसे बढ़ जाता है, आइए इस बारे में आगे विस्तार से समझते हैं।
डायबिटिक आई डिजीज या डायबिटिक रेटिनोपैथी
हमारी आंखें एक कैमरे की तरह हैं, जो हमें दुनिया को देखने में मदद करती हैं। लेकिन जब शरीर में शुगर का स्तर लंबे समय तक बढ़ा हुआ रहता है, तो यह स्थित आंखों की रोशनी को धीरे-धीरे धुंधला करने लग जाती है। इसे डायबिटिक आई डिजीज या डायबिटिक रेटिनोपैथी के नाम से जाना जाता है।
अब सवाल ये है कि हाई शुगर की स्थिति आंखों को कैसे नुकसान पहुंचाती है?
बातचीत में नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ समीर शुक्ला बताते हैं, डायबिटीज की समस्या शरीर में मौजूद रक्त वाहिकाओं (ब्लड वेसेल्स) को नुकसान पहुंचाने लगती है। आंखों में भी बेहद नाजुक रक्तवाहिकाएं होती हैं। रेटिना वाले हिस्से में मौजूद वाहिकाएं हाई शुगर के कारण प्रभावित होने लग जाती है। जिन लोगों का शुगर का लेवल अक्सर हाई रहता है, उनमें आंखों की रक्तवाहिकाओं में लीक होने या सूजन की दिक्कत देखी जाती है।
अध्ययनों से क्या पता चला?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, डायबिटीज के कारण होने वाला अंधापन 20-65 वर्ष की उम्र के लोगों में सबसे प्रमुख कारणों में से एक है। हर तीन में से एक डायबिटिक व्यक्ति को किसी न किसी स्तर की रेटिनोपैथी की समस्या हो सकती है।
वहीं लैंसेंट डायबिटीज और एंड्रोक्रोनोलॉजी में प्रकाशित एक रिपोर्ट से पता चलता है कि लगातार 10 साल से अधिक समय से डायबिटीज से ग्रसित लोगों में आंखों की जटिलता की आशंका 60% तक बढ़ जाती है।