थाईलैंड में लिखी जा रही पुरानी पटकथा, पिता की तरह शिनावात्रा की भी जा सकती है सत्ता

थाईलैंड में प्रधानमंत्री पेतोंगतार्न शिनावात्रा को संवैधानिक अदालत ने निलंबित कर दिया है। इस कदम के बाद ऐसा लग रहा है कि थाईलैंड में एक बार फिर से पुरानी पटकथा लिखी जा रही है और एक साल पहले सत्ता में वापसी करने वाला शिनावात्रा परिवार एक बार फिर समय से पहले ही सत्ता से बाहर होने के कगार पर है। पेतोंगतार्न शिनावात्रा, थाईलैंड के प्रतिष्ठित शिनावात्रा परिवार से ताल्लुक रखती हैं और उनके पिता थाकसिन शिनावात्रा और चाची यिंगलुक शिनावात्रा भी पूर्व में थाईलैंड के प्रधानमंत्री रह चुके हैं।
पिता और चाची को भी सत्ता से किया गया था बेदखल
हालांकि साल 2006 में सेना के तख्तापलट से थाकसिन शिनावात्रा को सत्ता से बेदखल कर दिया गया था। वहीं यिंगलुक शिनावात्रा को साल 2014 में अदालत के आदेश के बाद पीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था। अब वैसी ही कुछ स्थिति पेतोंगतार्न शिनावात्रा के साथ बन रही हैं। पेतोंगतार्न की एक ऑडियो बातचीत लीक हो गई है, जिससे थाईलैंड में उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। लीक ऑडियो में पेतोंगतार्न शिनावात्रा कंबोडिया के वरिष्ठ नेता हुन सेन के साथ बातचीत करती सुनाई दीं। इस बातचीत को थाईलैंड के हितों और देश की छवि को धूमिल करने के तौर पर देखा जा रहा है। यही वजह है कि लीक ऑडियो की वजह से पेतोंगतार्न को भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
पेतोंगतार्न की सरकार के काम से खुश नहीं लोग
पेतोंगतार्न की सरकार के पास वैसे भी अपनी उपलब्धि के तौर पर बताने के लिए कुछ नहीं है। भांग के सेवन पर भी सरकार बैन लगा चुकी है। विरोधी पेतोंगतार्न के फैसलों को जल्दबाजी और बिना स्पष्ट सोच वाले बता रहे हैं। साथ ही न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने, सामाजिक कल्याण योजनाओं में सीधे पैसे देने और कैसिनो को लेकर विवादित कानून को रोकने जैसे मुद्दे हैं, जिनके कारण पेतोंगतार्न की पार्टी को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। अमेरिका के साथ टैरिफ के मुद्दे पर बातचीत में भी देरी के आरोप लग रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि पेतोंगतार्न का नेतृत्व प्रभावित करने में विफल रहा है और लीक ऑडियो पर हंगामे के बीच उन्होंने इस्तीफा देने से भी इनकार कर दिया था।