डीएनडी फ्लाईवे पर टोल न वसूले जाने पर रोक बरकरार, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की NTBCL की याचिका

नई दिल्ली:  दिल्ली-नोएडा को जोड़ने वाले डीएनडी फ्लाईवे पर टोल वसूलने पर रोक बरकरार रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने फ्लाईवे को टोल फ्री रखने के फैसले की समीक्षा के लिए नोएडा टोल ब्रिज कंपनी (एनटीबीसीएल) की ओर से दायर याचिका खारिज कर दी है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से डीएनडी से गुजरने वाले लाखों वाहन चालकों को मिल रही राहत बरकरार रहेगी।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने दिल्ली-नोएडा-डायरेक्ट (डीएनडी) फ्लाईवे का संचालन करने वाली निजी कंपनी नोएडा टोल ब्रिज कंपनी लिमिटेड (एनटीबीसीएल) की याचिका पर 20 दिसंबर 2024 के फैसले की समीक्षा की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। कंपनी ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दी गई सीएजी रिपोर्ट का हवाला दिया और कहा कि इसमें कंपनी के बारे में कुछ सकारात्मक टिप्पणियां थीं, जिनका आदेश में जिक्र नहीं किया गया था। पीठ ने कंपनी के वकील से कहा कि कंपनी ने बहुत सारा पैसा कमाया है।

शीर्ष अदालत ने एनटीबीसीएल के वरिष्ठ अधिकारी प्रदीप पुरी की एक अन्य याचिका का जिक्र करते हुए कहा कि वह रिपोर्ट को दोबारा प्रकाशित करेगी। पुरी ने कैग के निष्कर्षों के आधार पर फैसले में कथित तौर पर उनके खिलाफ की गई व्यक्तिगत टिप्पणियों को हटाने का अनुरोध किया था। पुरी के वकील ने कहा कि कैग ने उनके खिलाफ कोई व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं की है।

दिसंबर 2024 में भी खारिज की गई थी याचिका
दिसंबर 2024 में भी सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ दायर निजी कंपनी की याचिका खारिज कर दी थी। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा था कि ‘टोल वसूलना जारी रखने की कोई वजह नहीं है। हम टोल वसूलने के समझौते को अवैध मानते हैं। इसने निजी फर्म एनटीबीसीएल को टोल संग्रह सौंपने के लिए नोएडा प्राधिकरण की खिंचाई की, जिसके पास टोल वसूलने का कोई पूर्व अनुभव नहीं था।’

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