शिवसेना UBT ने सुधाकर बडगुजर को किया निष्कासित, पार्टी विरोधी गतिविधि में संलिप्तता का आरोप

नासिक:  शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट) ने अपने नासिक जिले के उपनेता सुधाकर बडगुजर को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में पार्टी से बाहर कर दिया है। यह कार्रवाई उस घटना के दो दिन बाद हुई है जब बडगुजर ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की थी।

क्या है पूरा मामला?
दरअसल, शिवसेना नेता सुधाकर बडगुजर ने 2 जून को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से नासिक दौरे के दौरान उनसे मुलाकात की थी। इसके बाद उन्होंने पार्टी की कार्यप्रणाली को लेकर नाराजगी भी सार्वजनिक रूप से जाहिर की थी। उन्होंने दावा किया था कि नासिक शहर प्रमुख विलास शिंदे समेत दर्जनभर नेता पार्टी से असंतुष्ट हैं।

सुधाकर बडगुजर की प्रतिक्रिया
अपने निष्कासन को सुधाकर बडगुजर ने पार्टी के फैसले को ‘एकतरफा और गलत’ बताया। उन्होंने कहा, ‘अगर मुख्यमंत्री से मुलाकात करना और कर्मचारी मांगों पर बात करना पार्टी विरोधी है, तो यह फैसला गलत है। मैंने कोई अपराध नहीं किया। मैं समय आने पर अपनी बात और आगे की रणनीति सामने रखूंगा।’

विलास शिंदे ने विपक्षी नेताओं को दिया न्योता
2 जून को ही विलास शिंदे ने अपनी बेटी की शादी में डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे (जो अब अलग शिवसेना चला रहे हैं) और भाजपा नेता गिरीश महाजन को भी बुलाया था। इससे पार्टी में और भी नाराजगी फैल गई थी। वहीं पूर्व जिला प्रमुख दत्ता गायकवाड़ ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, ‘मुझे अभी उद्धव और संजय राउत का फोन आया। उन्होंने कहा कि सुधाकर बडगुजर को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते पार्टी से बाहर कर दिया गया है।’ इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में नासिक के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे — नासिक जिला प्रमुख डी.जी. सूर्यवंशी, सांसद राजाभाऊ वाजे, पूर्व विधायक वसंत गीते, पूर्व महापौर विनायक पांडे और अन्य।

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