बांग्लादेश में आतंकवाद के आरोपित नहीं कर सकेंगे प्रचार-प्रसार, शेख हसीना की पार्टी पर भी बैन

बांग्लादेश में अंतरिम सरकार ने आतंकवाद विरोधी कानून में संशोधन करते हुए ऐसे व्यक्तियों और संगठनों की किसी भी प्रकार की प्रचार-प्रसार गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिन पर आतंकवाद के तहत आरोप लगे हैं। यह कदम पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग की सभी गतिविधियों पर रोक लगाने के एक दिन बाद उठाया गया है।

बांग्लादेश में आतंकवाद के आरोपितों के प्रचार-प्रसार पर प्रतिबंध
बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शाहबुद्दीन ने 11 मई 2025 को आतंकवाद विरोधी अधिनियम में संशोधन करते हुए एक अध्यादेश जारी किया, जिसमें आतंकवाद के आरोपित व्यक्तियों और संगठनों के किसी भी प्रकार के प्रचार-प्रसार पर रोक लगाई गई है। इसमें प्रेस विज्ञप्ति, सोशल मीडिया सामग्री और सार्वजनिक सभाएं शामिल हैं।

यह निर्णय अवामी लीग की सभी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने के एक दिन बाद आया है, जो कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी है। इस प्रतिबंध के तहत पार्टी और उसके नेताओं के खिलाफ विशेष न्यायाधिकरण में परीक्षण पूरा होने तक सभी गतिविधियां रोक दी गई हैं।

अंतरराष्ट्रीय संस्था ने दर्ज की आपत्ति
संशोधित कानून में अब “सूचीबद्ध व्यक्तियों या प्रतिबंधित संस्थाओं” के बजाय “ऐसे कोई भी व्यक्ति या संस्था जिनके खिलाफ धारा 18(1) के तहत कार्रवाई की गई है” शब्दों का उपयोग किया गया है, जिससे प्रतिबंध का दायरा व्यापक हो गया है।

अंतरिम सरकार के इस कदम को विपक्षी दलों ने लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ बताया है, जबकि कुछ अन्य दलों ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक बताया है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने भी राजनीतिक दलों पर प्रतिबंध लगाने को लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के लिए हानिकारक बताया है।

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