भारी बरसात के बाद आई आपदा से 2 हजार करोड़ सरकारी संपत्ति का नुकसान, कुमाऊं कमिश्नर सुशील कुमार ने बताया

कुमाऊं कमिश्नर सुशील कुमार ने बताया कि मंडल में आपदा से 2 हजार करोड़ की सरकारी संपत्ति का नुकसान हुआ है। मंडल में आपदा से मरने वालों की संख्या 62 पहुंच चुकी है। इसमें नैनीताल जिले में सबसे ज्यादा 35 लोगों की मौत हुई है।

आपदा के दौरान लापता हुए 4 व्यक्तियों का अब तक कोई पता नहीं लग पाया है। हल्द्वानी स्थित कैम्प कार्यालय में शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में कमिश्नर ने बताया कि मंडल में दैवीय आपदा में मारे गए 62 लोगों में नैनीताल जिले में 35, अल्मोड़ा में 6, चम्पावत में 11, बागेश्वर में 5, पिथौरागढ़ में 4 व ऊधमसिंह नगर में 1 व्यक्ति शामिल है।

उन्होंने बताया कि बाहरी राज्यों के मृतकों के शवों को उनके घरों को भेजने के लिए संबंधित राज्य सरकारों से वार्ता हुई है। अभी तक बाहरी राज्यों के 5 व्यक्तियों के शवों को उनके घरों को भेजा गया है। उन्होंने बताया कि अब तक 36 बीमार व घायल व्यक्तियों को इलाज के लिए चिकित्सालयों में भेजा गया है। मंडल के आपदाग्रस्त क्षेत्रों में अब तक 15 हजार राशन किट बांटे गए हैं।

जबकि ऊधमसिंह नगर में 15 स्थानों पर लंगर चलाया जा रहा है। वहीं रामनगर के अलावा सभी जगह पेयजल आपूर्ति सुचारू कर दी गई है। कमिश्नर ने बताया कि मंडल में खाद्यान्न स्टेजिंग एरिया हल्द्वानी मंडी में स्थापित कर दिया गया है। जहां से मंडल के सभी आपदाग्रस्त क्षेत्रों में मांग के अनुसार खाद्य आपूर्ति शुरू कर दी गयी है। मंडल के आपदाग्रस्त क्षेत्रों में खाद्य सामग्री भेजने का काम प्राथमिकता से किया जा रहा है।

मंडलायुक्त ने बताया कि आपदा के दौरान 17 से 21 अक्तूबर तक मंडल में वायु सेना के 7 व एक प्राइवेट हेलीकॉप्टर से 100 लोगों को दूरस्थ क्षेत्र गुंजी, जौलिंकांग, तिदांग व पिंडारी से रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

इसी तरह जिला प्रशासन, पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, सेना के जवानों द्वारा 816 लोगों का रेस्क्यू किया गया। विभिन्न सड़क मार्गों में फंसे 8315 यात्रियों, विभिन्न स्थानों पर फंसे 7880 पर्यटकों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया। रेस्क्यू में एनडीआरएफ की 12, एसडीआरएफ की 10 टीमें, 1500 पुलिस के जवान व सेना की तीन यूनिट शामिल रहीं।

कमिश्नर ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग खैरना-अल्मोड़ा, टनकपुर-चम्पावत मार्ग अभी बन्द हैं, जिन्हें खोलने के लिए तेजी से काम किया जा रहा है। बाकी सारे एनएच खोल दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि राज्य मार्ग भवाली-रामगढ़-क्वारब तथा भवाली-रामगढ़-शहरफाटक मार्ग खोल दिया गया है, जिससे पहाड़ी जनपदों का यातायात सुचारू हो गया है।

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