भारत 2025-26 में दक्षिण एशिया के विकास का मुख्य इंजन बनने के लिए तैयार; WEF की रिपोर्ट में दावा

विश्व आर्थिक मंच (WEF) ने अपनी एक रिपोर्ट में सख्त चेतावनी दी है। विश्व आर्थिक मंच ने रिपोर्ट में कहा है कि आर्थिक राष्ट्रवाद, टैरिफ की अस्थिरता लगातार अनिश्चितता को बढ़ावा दे रही है। इसके कारण वैश्विक आर्थिक सुधार और विकास नकारात्मकता की ओर बढ़ सकता है। हालांकि इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दक्षिण एशिया, आर्थिक विस्तार को लेकर सबसे अधिक आशावादी है। इतना ही नहीं इस क्षेत्र में भारत 2025 और 2026 में विकास का मुख्य इंजन बनने के लिए तैयार है।

दरअसल, विश्व आर्थिक मंच (WEF) ने ‘मुख्य अर्थशास्त्री आउटलुक’ शीर्षक वाली अपनी एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें दुनिया भर के आर्थिक विशेषज्ञों ने चेताते हुए कहा कि वर्तमान में अमेरिका की आर्थिक नीति वैश्विक रूप से स्थायी प्रभाव डाल रही है, इसके चलते जहां एक ओर मंदी का जोखिम बढ़ रहा है वहीं दूसरी ओर तमाम देशों में रणनीतिक व्यावसायिक निर्णयों में भी देरी हो रही है। इतना ही नहीं मौजूदा आर्थिक घटनाक्रमों के कारण समग्र वैश्विक वृद्धि पर दबाव बढ़ गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भले ही वैश्विक अर्थव्यवस्था इन दिनों सुस्ती के दौर से गुजर रही है, बावजूद इसके रिपोर्ट में नाजुक और असमान सुधार का संकेत दिया गया है। हालांकि क्षेत्रीय मतभेद और बढ़ती वित्तीय कमजोरियां दीर्घकालिक स्थिरता के लिए खतरा बन रही हैं।

उभरती अर्थव्यवस्थाओं में खास तौर पर एशिया में अर्थशास्त्री सबसे अधिक संभावनाएं देख रहे हैं। 86% अर्थशास्त्रियों को उम्मीद है कि इस साल दक्षिण एशिया में कम से कम मध्यम वृद्धि होगी, जबकि 73% अर्थशास्त्री पूर्वी एशिया और प्रशांत क्षेत्र के बारे में यही विचार रखते हैं। इसके विपरीत, सिर्फ़ 56% लोग संयुक्त राज्य अमेरिका, 59% चीन के लिए, और सिर्फ़ 13% लोग यूरोप में आर्थिक विकास के लिए सकारात्मक गति की संभावना देख रहे हैं।

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