गिफ्ट सिटी में निवेश के लिए IFSCA का ताइवान को आमंत्रण, भारत-ताइवान साझेदारी पर दिया जोर

भारत के अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (IFSCA) ने ताइवान की वित्तीय संस्थाओं से गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट सिटी) में अधिक निवेश करने की वकालत की है।फोकस ताइवान की रिपोर्ट में कहा गया कि आईएफएससीए के अध्यक्ष के राजारामन ने सोमावर को ताइवान का दौरा किया। दोनों अर्थव्यवस्थाओं के बीच पारस्परिक विकास की संभावना पर जोर दिया गया।

गिफ्ट सिटी की खासियत
राजारामन ने कहा कि गिफ्ट सिटी एक विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) के रूप में कार्य करती है। यहां अलग विनियामक और कर व्यवस्था लागू होती है। इससे विदेशी और घरेलू वित्तीय संस्थानों को भारत के भीतर एक अंतरराष्ट्रीय वातावरण में संचालन की सुविधा मिलती है। उन्होंने बताया कि गिफ्ट सिटी वैश्विक मानकों के अनरूप लचीला, व्यापार अनुकूल नियामकीय ढांचा प्रदान करती है।

850 से अधिक संस्थाएं कर रही हैं काम
यहां वित्तीय संस्थाएं विदेशी मुद्राओं जैसे कि ताइवान डॉलर में भी लेन-देन कर सकती हैं और भारतीय व वैश्विक दोनों ग्राहकों को सेवाएं दे सकती हैं। बैंकिंग, फंड प्रबंधन, बीमा, पूंजी बाजार, फिनटेक, विमान और जहाज पट्टे और वित्तपोषण, पेशेवर सेवा प्रदाताओं और विदेशी विश्वविद्यालयों सहित 850 से अधिक संस्थाएं गिफ्ट सिटी में काम कर रही हैं। ताइपे फूबोन कमर्शियल बैंक और सीटीबीसी बैंक जैसे ताइवानी बैंकों ने पहले ही हब में शाखाएं खोलने की घोषणा कर दी है।

आर्थिक और रणीतिक लाभ
राजारामन ने ताइवान की तकनीकी ताकत के महत्व पर जोर दिया और बताया कि भारत के 1.4 अरब लोगों के विशाल और बढ़ते बाजार में इसका किस प्रकार लाभ उठाया जा सकता है।लाश रही हैं। अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि गिफ्ट सिटी में सहयोग न केवल आर्थिक अवसर प्रदान करता है, बल्कि दो लोकतांत्रिक और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं के बीच रणनीतिक साझेदारी का भी प्रतिनिधित्व करता है।

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