ई-कॉमर्स साइट्स पर पाकिस्तानी झंडे और सामान बिक्री को बैन करने की मांग, सीएआईटी ने केंद्र को लिखा पत्र

नई दिल्ली: भारत के व्यापारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) ने केंद्र सरकार से ई-कॉमर्स वेबसाइटों पर बिक रहे पाकिस्तानी झंडे और संबंधित सामानों पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
सीएआईटी ने इस संबंध में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी को एक पत्र लिखकर कहा है कि जब भारत की सेना ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान समर्थित आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है, ऐसे समय में पाकिस्तानी झंडे, लोगो वाले मग, टी-शर्ट आदि का ऑनलाइन बिकना बेहद निंदनीय है। सीएआईटी ने पत्र में कहा कि ऐसे उत्पादों की बिक्री न केवल राष्ट्रविरोधी है, बल्कि इससे देश की जनता की भावनाओं को भी ठेस पहुंचती है।
भावनाओं और सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा
मामले में संगठन के अध्यक्ष बीसी भारतीया ने अपने पत्र में लिखा है कि यह कोई साधारण मामला नहीं, बल्कि राष्ट्र की संप्रभुता, सैनिकों के सम्मान और जनता की भावनाओं से जुड़ा गंभीर विषय है। उन्होंने कहा कि इस तरह की बिक्री न केवल असंवेदनशील है बल्कि राष्ट्रीय एकता के लिए भी खतरा बन सकती है।
सीएआईटी की क्या है मांग
बात अगर सीएआईटी की मांग की करें तो, इसमें मुख्य रूप से कहा गया है कि कुछ ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर खुलेआम पाकिस्तानी झंडे, बैंड, स्टिकर, टी-शर्ट, बैज और अन्य सामान बेचा जा रहा है, जो गंभीर चिंता का विषय है। बीसी भारतीया ने कहा कि यह भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और एकता के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब पाकिस्तान भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों को समर्थन दे रहा है, उस देश के प्रतीक चिन्हों और झंडों का भारत में बिकना पूरी तरह अस्वीकार्य है।
सीएआईटी ने की तुरंत रोक लगाने की मांग
सीएआईटी की ओर से केंद्र सरकार को लिखे पत्र कहा गया कि पाकिस्तानी झंडे, लोगो और संबंधित सभी उत्पादों की बिक्री पर तत्काल रोक लगाया जाए। साथ ही यह जांच की जाए कि ऐसे उत्पाद ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर कैसे अपलोड और स्वीकृत हुए। पत्र में आगे कहा कि मामले में सख्त निगरानी व्यवस्था बनाई जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। साथ ही ऐसे मामलों में लापरवाही बरतने वाले प्लेटफॉर्म्स पर कानूनी कार्रवाई या निलंबन की प्रक्रिया शुरू की जाए और सभी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स को निर्देश दिए जाएं कि वे ऐसे उत्पाद न बेचें जो देश की सुरक्षा या जनता की भावनाओं को ठेस पहुंचाएं।