ईद-उल-अजहा पर बिना बकरा खरीदे दें कुर्बानी, तीन से चार हजार रुपये में मिल रहा हिस्सा

लखनऊ:  ईद-उल-अजहा पर कुर्बानी के लिए हजारों रुपये कीमत का बकरा न खरीद पाने वाले बड़े जानवरों की कुर्बानी का हिस्सा ले सकते हैं। शहर में सामाजिक संगठनों और मदरसा प्रबंधनों ने बड़े जानवरों में 3,000 रुपये से 4,000 रुपये तक कुर्बानी में हिस्सा लेने की व्यवस्था की है।

ईद उल अजहा पर हजारों रुपये का बकरा न खरीद पाने वालों के लिए इस्लाम में सात आदमियों की ओर से बड़े जानवर की कुर्बानी करने की सहूलियत दी गई है। वहीं, कुर्बानी की चाहत रखने वाले तमाम लोग अपार्टमेंट संस्कृति और मकान छोटे होने से बकरा खरीदने से परहेज करते हैं। ऐसे लोग स्थानीय संगठनों और मदरसों में अपना नाम लिखवा कर कूपन बुक कर रहे हैं। संगठनों व मदरसों के लोग व्हाटसएप पर भी संपर्क कर कूपन बुक कर रहे हैं।

यहां किए गए कुर्बानी के इंतजाम
जानवरों की बड़ी मंडी बिल्लौचपुरा, सदर, कसाईबाड़ा सहित खदरा, डालीगंज, इरादतनगर आदि इलाकों में मदरसों व मुस्लिम संगठनों की ओर से बड़े जानवरों की कुर्बानी का इंतजाम किया गया है। इसके अलावा दारुल उलूम नदवतुल उलमा में कुर्बानी में हिस्से की व्यवस्था की गई है। न्यू जनरेशन वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष खालिद हुसैन और सचिव मोहम्मद रईस ने बताया कि इरादत नगर, खदरा, डालीगंज आदि जगहों पर 3500 से 4000 रुपये में कुर्बानी में हिस्सा लिया जा सकता है।

ऑल इंडिया जमीयतुल कुरैश के सचिव शहाबउददीन कुरैशी ने बताया कि बड़े जानवरों में सिर्फ पड़वा पर ही कुर्बानी के हिस्से की व्यवस्था है। पुराने लखनऊ में कुर्बानी में हिस्सा लेने की शुरुआत 3000 रुपये से की गई है।

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