30 हजार करोड़ रुपये की योजनाओं का लोकार्पण करेंगे पीएम मोदी , जाने पूरी खबर

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चार दिसंबर को प्रस्तावित रैली की तैयारियों का जायजा लिया। सीएम ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को समय से सभी व्यवस्थाओं को पूरा करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने बताया कि उस दिन पीएम मोदी करीब 30 हजार करोड़ रुपये की योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास करेंगे।

इस दौरान कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, भाजपा संगठन महामंत्री अजय कुमार, प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, आईजी इंटेलीजेंस संजय गुंज्याल, जिलाधिकारी डॉ. आर राजेश कुमार, एसएसपी जन्मेजय खंडूरी व अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

भाजपा का लक्ष्य है कि जनसभा में हरिद्वार, देहरादून और उसके आसपास के इलाकों से करीब एक लाख लोगों की भीड़ जुटाई जाए। पार्टी ने प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार को देहरादून, राजेंद्र भंडारी को हरिद्वार और सुरेश भट्ट को गढ़वाल और उसके आसपास के जिलों की जिम्मेदारी सौंपी है।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि पार्टी ने जनसभा में एक लाख लोगों की उपस्थिति दर्ज कराने का लक्ष्य बनाया है। इस लक्ष्य के हिसाब से पार्टी के जिलाध्यक्षों, चुनाव संयोजकों, चुनाव प्रभारियों, मंडल अध्यक्षों को जिम्मेदारी दी गई है। पार्टी के प्रदेश महामंत्री जनसभा की तैयारी और प्रबंधन को लेकर बैठक में जुट गए हैं।

देवस्थानम बोर्ड को लेकर सरकार की ओर से गठित उच्च स्तरीय समिति ने अंतिम रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। वहीं, चारधाम तीर्थ पुरोहित हकहकूकधारी महापंचायत ने आंदोलन को तेज करने की रणनीति बनाएगी।

चार दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दून दौरे पर तीर्थ पुरोहित भी देहरादून में विरोध रैली निकालेंगे। इसके लिए सभी साधु संत समाज, धार्मिक संगठनों के साथ ही देवस्थानम बोर्ड के विरोध का समर्थन कर रहे राजनीतिक दलों को रैली में आमंत्रित किया जा रहा है।

महापंचायत के प्रवक्ता डॉ. बृजेश सती ने बताया कि तीन दिसंबर को गुप्तकाशी में केदार सभा के आह्वान पर चारधामों के तीर्थ पुरोहित, हकहकूकधारी विशाल रैली निकालेंगे। इसके अलावा चार दिसंबर को दून में विरोध रैली निकाली जाएगी। महापंचायत का कहना है कि सरकार ने पहले देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग पर मनोहर कांत ध्यानी की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति का गठन किया।

अब समिति ने अपनी अंतिम रिपोर्ट भी मुख्यमंत्री को सौंप दी है। इस रिपोर्ट का परीक्षण करने के लिए सरकार ने फिर एक सब कमेटी का गठन किया है। इससे साफ है कि सरकार बार-बार कमेटी बनाकर मामले को उलझाने का काम कर रही है। यदि सरकार की मंशा बोर्ड को भंग करने की है तो प्रस्ताव पारित कर तत्काल बोर्ड भंग कर चारधामों के तीर्थ पुरोहितों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।

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