ऑनलाइन गेम्स की लत और बढ़ते खुदकुशी के मामले, मनोचिकित्सक से जानिए आखिर क्या है इसके पीछे की वजह?

मोबाइल फोन्स के बढ़ते इस्तेमाल और इसके कारण शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर होने वाले दुष्प्रभावों पर लंबे समय से चर्चा होती रही है, पर अब ये एक नई चुनौती पैदा करता दिख रहा है। हम बात कर रहे हैं ऑनलाइन गेमिंग और इसके कारण बढ़ते आत्महत्या के मामलों की।

ऑनलाइन गेम्स जैसे पब्जी, फ्री फायर और अन्य बैटल गेम्स अब महज मनोरंजन का जरिया नहीं रहे, बल्कि कई युवाओं के लिए ये जानलेवा लत बन चुके हैं। हाल के वर्षों में ऐसे कई चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं जहां ऑनलाइन गेमिंग की लत ने युवाओं को मानसिक तनाव, आक्रोश और अंत में आत्महत्या तक के रास्ते पर ला खड़ा किया। यह सिर्फ खेल नहीं, एक छुपा हुआ मनोवैज्ञानिक युद्ध साबित हो रहा है, जिसमें हारने वाला अपनी जिंदगी भी दांव पर लगा देता है।

हाल के महीनों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिसने सोचने पर मजबूर कर दिया है कि जीत-हार की सनक कैसे हमारे मानसिक स्वास्थ्य को इस कदर प्रभावित कर देती है कि लोगों के पास आत्महत्या के सिवा कोई अन्य विकल्प समझ नहीं आता?

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