पहले बेरोजगार, फिर पासपोर्ट बनवाए, अब जासूस बन बैठा नोमान, चार बार जा चुका है पाकिस्तान

शामली: कैराना के मोहल्ला बेगमपुरा निवासी नोमान इलाही पहले बेरोजगार था तो पिता की दुकान पर बैठकर पासपोर्ट बनवाने का काम करता था। उसके पिता अहसान पासपोर्ट बनाने, आधार ठीक कराने व प्रिंट आउट निकालने का काम करते थे। पिता के साथ नोमान भी पासपोर्ट बनवाने लगा। पिता की मौत के बाद उसने यह काम तो बखूबी संभाल लिया लेकिन चंद रुपयों के लालच में वह पाकिस्तान के ISI नेटवर्क से जुड़ गया और और देश के खिलाफ जाकर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने लगा।

पासपोर्ट बनाते-बनाते बना पाकिस्तान का जासूस
जांच पड़ताल में यह भी सामने आया है कि पासपोर्ट सेवा के बहाने नोमान ने सऊदी अरब, पाकिस्तान और अन्य देशों में जाने वाले लोगों के दस्तावेज बनवाए। इस दौरान वह ISI एजेंट इकबाल काना के संपर्क में आया। जांच में सामने आया कि नोमान जन सुविधा केंद्रों के माध्यम से फर्जी या संदिग्ध पासपोर्ट भी बनवा रहा था। शुक्रवार को जब पानीपत क्राइम इन्वेस्टिगेशन टीम जब उसे लेकर कैराना पहुंची तो उसके घर से आठ पासपोर्ट बरामद किए गए।

चार बार पाकिस्तान गया नोमान, रिश्तेदारी या रैकेट?
नोमान वर्ष 2017 से पहले चार बार पाकिस्तान गया। वहां उसकी बुआ और मौसी रहती हैं, लेकिन जांच एजेंसियों को शक है कि कहीं ऐसा तो नहीं कि इन यात्राओं की आड़ में वह ISI हैंडलरों से मिलता रहा हो और देश विरोधी गतिविधियों के निर्देश प्राप्त करता रहा हो। वहीं नोमान की बहन का कहना है कि पाकिस्तान में रिश्तेदारों से डेढ़ माह पहले एक आमंत्रण को लेकर बात हुई थी।

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सबसे ज्यादा सक्रिय रहा ISI नेटवर्क
पूछताछ में नोमान ने बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के समय पाकिस्तान की ISI सबसे ज्यादा सक्रिय थी। सेना की गतिविधियों से लेकर संवेदनशील ठिकानों की जानकारी उसे मोबाइल और सोशल मीडिया के जरिए भेजी जाती थी। शक है कि अन्य एजेंट भी इस नेटवर्क का हिस्सा हैं।

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