‘CCTV कैमरे, छात्रों को काउंसलिंग….’, महाराष्ट्र सरकार ने स्कूलों को जारी किए नए दिशानिर्देश

मुंबई:  महाराष्ट्र सरकार ने स्कूलों के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। अब हर स्कूल को अपने परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे, जिनका डाटा कम से कम एक महीने तक सुरक्षित रखा जाएगा। इसके साथ ही अगर किसी बच्चे के साथ कोई अपराध होता है या संदेहजनक स्थिति सामने आती है, तो स्कूल प्रशासन को यह तुरंत नजदीकी थाने को जानकारी देनी होगी।

इन दिशानिर्देशों के मुताबिक, स्कूल स्टाफ की पूरी तरह से जांच की जाएगी और जरूरत पड़ने पर पुलिस से प्रमाण पत्र भी मांगा जाएघा। साथ ही कोशिश की जाएगी कि नर्सरी से लेकर कक्षा छह तक महिला शिक्षिकाएं ही पढ़ाएं। जिन स्कूलों में बस या वैन से बच्चों को लाया जाता है, वहां चालक और स्टाफ का कभी-कभी शराब परीक्षण भी किया जाएगा और हर बस में एक महिला कर्मचारी की मौजूदगी जरूरी होगी।

दिशानिर्देशों के मुताबिक, मानसिक दबाव या परेशानियों का सामना कर रहे छात्रों को सलाह-मशविरा (काउंसलिंग) मिलेगा। छोटे बच्चों को यह भी सिखाया जाएगा कि अच्छा स्पर्श और बुरा स्पर्श (गुड टच-बेड टच) क्या होता है। स्कूलों को बच्चों और शिक्षकों को ‘चिराग’ नामक मोबाइल एप के बारे में जानकारी देनी होगी, जिससे बच्चों के अधिकारों और सुरक्षा से जुड़ी जानकारी और शिकायतें दर्ज की जा सकें।

नए नियमों के मुताबिक, अगर बच्चा बिना सूचना के स्कूल नहीं आता, तो माता-पिता को संदेश (एसएमएस) भेजकर जानकारी देना जरूरी होगा। स्कूल परिसर के एक किलोमीटर के दायरे में कोई तंबाकू या सिगरेट की दुकान नहीं होनी चाहिए और अगर हो, तो स्कूल प्रशासन को पुलिस को सूचित करना होगा। हर स्कूल में एक शिकायत पेटी भी लगाई जाएगी, जिसमें बच्चे गोपनीय रूप से शिकायत कर सकें।

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